प्रस्तावना
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन हमारे प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह द्वारा 11 जनवरी, 2010 को शुरू किया गया था। मिशन ने 2022 तक 20,000 मेगावाट ग्रिड संयोजित सौर विद्युत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है और इसका उद्देश्य (i)दीर्घावधि नीति; (ii) बड़े पैमाने पर प्रसार के लक्ष्य; (iii) उद्यमशील अनुसंधान एवं विकास; और (iv) महत्वपूर्ण कच्ची सामग्री, घटकों और उत्पादों के घरेलू उत्पादन के जरिए देश में सौर विद्युत उत्पादन की लागत कम करना है।
प्रधानमंत्री ने निम्न प्रकार के मिशन के महत्व पर बल दिया है:
"इस मिशन का महत्व बड़े पैमाने पर ग्रिड संयोजित विद्युत मुहैया करने तक ही सीमित नहीं है। इसमें भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए हमारे प्रयासों में कई गुणा वृद्धि करने की क्षमता है। पहले से ही इसके विकेन्द्रीकृत और वितरित अनुप्रयोगों में, सौर ऊर्जा भारत के कम ऊर्जा प्राप्त करने वाले नागरिकों की दस मिलियन जनता को रोशनी देने की शुरूआत है। तेजी से बढ़ती हुई सौर रोशन प्रणालियों, सौर जल पम्पों और अन्य सौर विद्युत आधारित ग्रामीण अनुप्रयोगों से भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन हो सकता है। हमारा इरादा इस मिशन के जरिए ऐसे अनुप्रयोगों का पर्याप्त विस्तार करना है। इसके परिणामस्वरूप, विकेन्द्रीकृत और वितरित औद्योगिकीकरण की गति को अधिक बल मिलेगा, ऐसा बल जो पहले नहीं देखा गया।"
जवाहर लाल नेहरू सौर मिशन का उद्देश्य यथासम्भव शीघ्र देश भर में इसके बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए जागरूकता पैदा करके सौर ऊर्जा में विश्व के अग्रणी के रूप में भारत को स्थापित करना है। इस प्रयोजन के लिए मिशन ने तीन चरण की संकल्पना अपनाई है। 11वीं योजना और 12वीं योजना (2012-13 तक) का पहला वर्ष चरण-I के रूप में माना गया है, 12वीं योजना (2013-17) के शेष 4 वर्ष चरण-2 में शामिल किए गए हैं, और 13वीं योजनावधि (2017-22) की चरण-3 के रूप में परिकल्पना की गई है। घरेलू और विश्व, दोनों में अविर्भावी लागत और प्रौद्योगिकी के आधार पर प्रगति का मूल्यांकन, आगामी चरण के लिए क्षमता और लक्ष्यों की समीक्षा प्रत्येक योजनावधि के अन्त में, 12वीं और 13वीं योजनाओं की मध्यावधि के दौरान की जाएगी।
राष्ट्रीय सौर मिशन के प्रथम चरण में गामीण आबादी की सेवा करने और ग्रिड आधारित प्रणालियों में संतुलित क्षमता बढ़ाने की ऑफ ग्रिड प्रणालियों को बढ़ावा देने पर सौर में कम निलंबी विकल्पों को कैप्चर करने पर ध्यान संकेंद्रित किया गया है। इसमें आगे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के लिए जानकारी के अनुभव के रूप में आंशिक रूप से परिकल्पना की गई थी। अब दूसरे चरण में उद्यमशील क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य केंद्रीकृत और विकेन्द्रीकृत, दोनों स्तरों पर उन्नयन और स्पर्धा सौर ऊर्जा वेधन के लिए अनुकूल स्थितियां पैदा करना है।
जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय मिशन के लक्ष्य संक्षेप में निम्नानुसार हैं-
सारणी: जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन में क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य
क्र.सं.
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खण्ड
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चरण-I के लिए लक्ष्य
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चरण-II के लिए संचयी लक्ष्य
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चरण- III के लिए संचयी लक्ष्य
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1
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रूफटाप सहित यूटिलिटी ग्रिड पावर
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1,000-2000 मेगावाट
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4,000-10,000 मेगावाट
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20,000 मेगावाट
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2
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ऑफ ग्रिड सौर अनुप्रयोग
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200 मेगावाट
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1000 मेगावाट
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2000 मेगावाट
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3
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सौर एकत्रक
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7 मिलियन वर्ग मी.
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15 मिलियन वर्ग मी.
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20 मिलियन वर्ग मी.
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